Santon ka vigyan
सन्तों
का विज्ञान
बाबा
जयगुरुदेव जी कहते हैं
कि सभी सुरतों (जीवात्माओं) के आने का
रास्ता एक है और
जाने का भी रास्ता
एक ही है। सभी
सुरतें चाहे वो मनुष्य शरीर
में हों अथवा पशु पक्षियों कीड़े मकोड़ों की योनियों में
हों नाम की डोर को
आवाज को पकड़कर नीचे
उतारी गई और नाम
की डोर को पकड़कर ही
वो अपने सच्चे धाम सत्तलोक को वापस जा
सकती है। इस ज्ञान को
देने के लिए आवश्यकता
है उस अनुभवी महापुरुष
की जिन्होंने जीते जी आत्म परमात्मा
के रहस्यों को जान लिया
है, अपने सच्चे घर और उस
सर्व शक्तिमान अनामी महापुरुष के पास पहुंच
कर उन्हें पहचान लिया है वहीं हमें
आत्म विज्ञान की शिक्षा दे
सकते हैं और प्रैक्टिकल ज्ञान
अथ्वा अनुभव करा सकते हैं। ऐसा गुरु मिलना चाहिए तभी हमारी आत्मा का कल्याण होगा
ये है सन्तों का
विज्ञान ।
ऐसे सन्त
की तलाश में यह मानव जीवन
समाप्त भी हो जाय
तो कोई हर्ज नहीं। बाबा जयगुरुदेव जी के शब्दों
में ऐसे जीव को अगला जीवन
मनुष्य शरीर का ही मिलेगा
यह ईश्वरीय विधान है।वो मालिक अंतर्यामी है उसे पता
है कि कौन व्यक्ति
उसकी तलाश कर रहा है।
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