jaigurudev naam ki mahima
युगमसीहा परमसन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के
एकमात्र आध्यात्मिक उत्तराधिकारी वक़्त के सन्त धरती
के सरताज परमपूज्य सन्त उमाकांत जी महाराज ने
शारीरिक-मानसिक आधि-व्याधि तथा अन्य विषम परिस्थितियों के इलाज के
लिए अखण्ड "जयगुरुदेव" नाम ध्वनि की अचूक संजीवनी
बूटी दे दी है।
बाबा जी ने कहा
है कि कोई कैसा
भी हो, सबको बता दो कि "जयगुरुदेव"
नाम ध्वनि अखण्ड एक लय में
इस ढंग से बोलें ---
" जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव "।
नाम
ध्वनि सामूहिक रूप से या अकेले
भी दिन में जितना संभव हो- 4घण्टे,
2घण्टे, 1घण्टे, आधा घण्टे चलते, फिरते, उठते, बैठते, काम-धाम करते हुए मुख से उच्चारण के
साथ अथवा मन ही मन
में अखण्ड रूप से बोलें। शाम
को भोजन करने से पहले परिवार
के सभी सदस्य इकट्ठा होकर एक साथ 10-15 मिनट
नाम ध्वनि ज़रूर बोलें। अगर यह भी संभव
न हो सके तो
सोते तो सब हैं,
रात को सोने के
लिए बिस्तर पर लेटें तो
लेटे-लेटे नाम ध्वनि बोलते-बोलते सो जाएँ। न
ज़ोर से बोल सकें
तो मन में ही
धीरे- धीरे बोलें। ऐसा
करने से उनकी रात
अच्छी बीतेगी, दिन भी अच्छा बीतेगा।
उनको क्या-क्या फ़ायदा होगा ? यह तो बाद
में ख़ुद ही पता चल
जाएगा। यह इलाज बहुत
ही ज़्यादा असरकारक हो रहा है
और बहुत सारे चमत्कारिक अनुभव लोगों को हो रहे
हैं, स्वयं आजमा कर देखें।
बाबा
उमाकांत जी महाराज ने
सभी लोगों के कल्याण व
आने वाली मुसीबतों से बचाव का
उपाय सुझाते हुए कहा है कि 17 अगस्त
2018 को प्रातः 6 से 10 बजे के बीच सब
लोग अपने मकान, दुकान, भवन, कार्यालय, वाहन पर " जयगुरुदेव " नाम का झण्डा ( सफ़ेद
कपड़े पर लाल रंग
से लिखा हुआ ) लगा दें अथवा लाल रंग से " जयगुरुदेव " लिख दें या सफेद पृष्ठभूमि
पर लाल रंग से "जयगुरुदेव"
लिखा हुआ काग़ज़, फ्लैक्सी या स्टीकर चिपका
दें। इसका चमत्कार भविष्य में दिखाई देगा। सन्त-फ़क़ीरों के संकेत व
इशारे में बहुत बड़ा रहस्य छुपा होता है। इसलिए बिना किसी संकल्प-विकल्प, तर्क-वितर्क के आदेश का
पालन करना चाहिए। अन्यथा कहा गया है कि-
" सन्त अवग्या कर फल ऐसा।
जरइ नगर अनाथ कर जैसा।।
"
***जयगुरुदेव***
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