Sant sadguru ka darshan laabh
ऐक शिष्य ने गुरु
से पूछा :- गुरु
दर्शन का क्या
लाभ है? गुरुजी
:- कल सुबह पूरब
दिशा में जाओ
और जो पहली
जीव दिखाई दे
उससे पूछ लेना।शिष्य
:- सुबह निकल
पड़ा, उसे गोबर
की ढेर से
एक गोबर कीड़ा
(गेंगना) उड़ता दिखा
।उससे पूछा गुरू
दर्शन का क्या
लाभ है? यह
सुनते ही कीड़ा
(गेंगना) मर गया।शिष्य
:- भागते हुवे गुरु
के पास आया
और सारी बाते
बताई। गुरुजी :- ने कहा
कल सुबह दक्षिण
की ओर जाना
और जो जीव
पहले मिले उससे
पूछना।
शिष्य :- दूसरे दिन सुबह
फिर निकलातो उसे
एक कौवे के
अण्डे से चूजा
निकलते दिखाई दिया, वह
उस चूजे से
पूछा गुरु दर्शन
का क्या लाभ
है ? यह सुनते
ही वह चूजा
भी मर गया।
फिर से वह
भागकर आया और
गुरुजी को सारी
बात बताया। गुरुजी
:- ने कहा कल
पश्चिम दिशा में
जाना और जो
जीव पहली बार
दिखे उससे पूछ
लेना।शिष्य :- तीसरे दिन भी
सुबह निकल पड़ा,
रास्ते में उसे
तुरंत का जन्मा
गाय का बछड़ा
दिखा उस बछड़े
से पूछा गुरु
दर्शन का क्या
लाभ है? यह
सुनते बछड़ा भी
मर गया अब
शिष्य घबरा गया
कि अब तक
जिससे गुरु दर्शन
के बारे में
पूछा वो सबके
सब मर गये।
भागा-भागा गुरु
के पास जाकर
सारी घटना कह
सुनाया।
गुरुजी :- ने अब
उत्तर दिशा की
ओर जाने को
कहा और सबसे
पहले जो मिले
उससे पूछने को
कहा। शिष्य :- अब
बुरी तरह से
घबराया हुआ था
फिर भी हिम्मत
करके वह पहले
घर के खिड़की
से एक पालने
में खेलता हुआ
नवीन शिशु दिखाई
दीया।उसने धीरे से
डरता हुवा वहां
गया कि कही
यह बच्चा भी
न मर जाये,
पूछा तो वह
बच्चा बोल पड़ा।
--भाई
मैंने तो कभी
गुरु दर्शन किया
नही। परन्तु जब
तुमने गुरू दर्शन
करके आया और
मैने तुम्हारा दर्शन
किया और गुरु
शब्द सुने इससे
ही मैं गोबर
कीड़े की योनि
से मुक्ति मिल
गयी और कौवे
की योनि में
आया, और फिर
दूसरी बार जब
तुम मुझे दिखे,
गुरु शब्द सुनाये
इससे कौवे की
योनि से मुक्ति
मिल गयी और
मैं गौ योनि
में आया। फिर
तीसरी बार जब
तुम्हारी दर्शन हुई और
गुरु शब्द सुना
तो मुझे गौ
योनि से मुक्ति
मिली और अब
मैं मनुष्य योनि
में हूँ। तो
भाई सोचो जो
साक्षात सन्त सद्गुरु
का दर्शन करता
होगा और उनकी
अमृतवाणी सुनता होगा उसे
क्या मिलता होगा
नही पता।
भाई
धन्य हो तुम
जो मेरा उद्धार
करने को आये
No comments: