Spend time to improve your self
बाबा जी ने
हमें हमेशा यही
सिखाया कि spend time to improve your self
but do not waste time to prove it ( स्वयं
को निखारने में
समय लगायें लेकिन
अपने आपको साबित
करने में समय
व्यर्थ न करें)
हम अपने आप
को कितना परिपक्व
कर रहे हैं
यह सोचें ।
मीराबाई , भक्त कबीर
,प्रहलाद इन सबके
जीवन से आप
वाकिफ हैं। उन्होंने
सिर्फ भक्ति की
और लोगों को
कभी ये नहीं
बताया कि मैं
ज्ञानवान हूँ, मैं
भक्त हूँ। उनकी
भक्ति के कारण
ही सब उनके
साथ जुड़ते गए
और आज तक
श्रद्धा से याद
करते हैं
आज हमें
जरूरत इस बात
की है कि
हम अपने जीवन
का मुल्यांकन करें।
हमारे जीवन में
इंसानियत के कितने
गुणों का समावेश
हुआ है? अगर
सदगुरु के आदेशानुसार
जीवन बना है
तो मुबारक है।
अगर अभी कसर
बाकी है तो
आज इस दिशा
में कर्म करने
की आवश्यकता है।
सदगुरु कृपा करें
कि हमारा मन,
वचन, कर्म तीनों
सदगुरु के कहे
अनुसार बन जाए
ताकि मानव योनि
में जन्म लेना
सार्थक हो जाए।
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एक सतसँगी : सच्चे
पातशाह ! हुजूर की फोटो का ध्यान कर लेँ, तो कुछ नुकसान तो नहीँ है..??
महाराज जी : जो लोग
मूर्ति का ध्यान करेँगे, वे नुकसान उठायेँगे..!!
अगर मूर्ति का ही ध्यान
करना है, तो पिछले समय के महात्मा की मूर्ति का ध्यान क्योँ न कर लिया जाये.... स्वरुप
का ध्यान करो..!!
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भजन सिमरन करने वाले
जीव सतगुरु जी
को बहुत पसंद
हैं, यही एक
सच्चे सत्संगी की
असली पहचान है,
हमें हमेशा यही
सोचना चाहिए कि
यह हमारा आखिरी
जनम है और
हमें इस जनम
में ही सब
कुछ हासिल कर
लेना है यही
हमारी कोशिश होनी
चाहिये और बाकी
सब कुछ उस
परमपिता परमात्मा पर छोड़
देना चाहिए
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क्रोध एक जहर है
क्रोध एक जहर है जिससे
तन मन और धन को भारी नुकसान होता है | इससे भी ज्यादा पूरा जीवन अशांति से भर जाता
है और फिर कलेश ही कलेश बीमारी ही बीमारी और कुछ नहीं |
जीवन एक सुन्दर फूलों
से महकती बगिया है
जिसको क्रोध और गुस्से
रूपी विष जहर से न सीचें वार्ना जीवन रूपी
बगिया मुरझा जाएगी.
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