Ek mulk ka baadashaah beemaar
जयगुरूदेव
एक मुल्क का बादशाह
बीमार हो गया,
जब बादशाह ने
देखा के उसके
बचने की कोई
उम्मीद नहीं तो
उसने अपने मुल्क
में ऐलान करवा
दिया कि वो
अपनी बादशाहत उस
के नाम कर
देगा जो उसके
मरने के बाद
उस की जगह
एक रात क़ब्र
में गुज़ारेगा
सब लोग बहुत
ख़ौफ़ज़दा हुए और
कोई भी ये
काम करने को
तैय्यार ना था,
इसी दौरान एक
कुम्हार जिस ने
सारी ज़िंदगी कुछ
जमा ना किया
था । उस
के पास सिवाए
एक गधे के
कुछ ना था
उस ने सोचा
कि अगर वो
ऐसा करले तो
वो बादशाह बन
सकता है और
हिसाब किताब में
क्या जवाब देना
पड़ेगा उस के
पास था ही
किया एक गधा
और बस! सौ
उसने ऐलान कर
दिया कि वो
एक रात बादशाह
की जगह क़ब्र
में गुज़ारेगा। बादशाह
के मरने के
बाद लोगों ने
बादशाह की क़ब्र
तैय्यार की और
वाअदे के मुताबिक़
कुम्हार ख़ुशी ख़ुशी इसमें
जाकर लेट गया,
और लोगों ने
क़ब्र को बंद
कर दिया,
कुछ वक़्त
गुज़रने के बाद
फ़रिश्ते आए और
उसको कहा उठो
और अपना हिसाब
दो। उसने कहा
भाई हिसाब किस
चीज़ का मेरे
पास तो सारी
ज़िन्दगी था
ही कुछ नहीं
सिवाए एक गधे
के !!! फ़रिश्ते उसका जवाब
सुनकर जाने लगे
लेकिन फिर एकदम
रुके और बोले
ज़रा इसका नामाआमाल
खोल कर देखें
इस में क्या
है, बस फिर
क्या था, सबसे
पहले उन्होंने पूछा
कि हाँ भई!
फ़ुलां फ़ुलां दिन तुम
ने गधे को
एक वक़्त भूखा
रखा था, इसने
जवाब दिया हाँ,
फ़ौरी तौर पर
हुक्म हुआ कि
उसको सौ कूड़े
मारे जाएं, उसकी
ख़ूब धुनाई शुरू
हो गई।
इसके बाद फिर
फ़रिश्तों ने सवाल
किया अच्छा ये
बताओ फ़ुलां फ़ुलां
दिन तुमने ज़्यादा
वज़न लादकर उसको
मारा था, उसने
कहा कि हाँ
फिर हुक्म हुआ
कि उस को
दो सौ कूड़े
मारे जाएं, फिर
मार पड़ना शुरू
हो गई। ग़रज़
सुबह तक उसको
मार पड़ती रही।
सुबह सब
लोग एक हुए
और क़ब्र ख़ुदाई
की ताकि अपने
नए बादशाह का
इस्तक़बाल कर सकें।
जैसे ही उन्होंने
क़ब्र खोली तो
उस कुम्हार ने
बाहर निकल कर
दौड़ लगा दी,
लोगों ने पूछा
बादशाह सलामत किधर जा
रहे हैं, तो
उस ने जवाब
दिया, ओ भाईयों
पूरी रात में
एक गधे का
हिसाब नहीं दे
सका तो पूरी
रियाया और मुल्क
का हिसाब कौन
देता फिरे...।
कभी सोचा है
कि हमें भी
हिसाब देना है...
और पता नहीं
कि किस किस
चीज़ का हिसाब
देना पड़ेगा जो
शायद हमें याद
भी नहीं इसलिए सतगुरु
के बताए हुए
रास्ते पर चले
और अपने मानव
जीवन को सफल
बनायें।
जयगुरूदेव
No comments: