kya satsang jaana jaruri hai ?
क्या सत्संग जाना जरुरी
है ?
क्या नाम दान
लेना जरुरी है
?
बिलकुल नहीं।कोई जरुरत नहीं।जो
लोग सत्संग जाकर
कुछ सुनते ही
नहीं।पूरा ध्यान बस घर
पर ही लगा
रहता है कि
दरवाज़ा बंद किया
कि नहींगैस बंद
किया कि नहीं टीवी
नल लाइट बन्द
की कि नहीं।
तो क्या फायदा
उनका सत्संग जाना।
कोई भी फायदा
नहीं।पूरा सत्संग सोते रहते
हैंबीच बीच में
उठकर देखते हैं
कि अभी सत्संग
खत्म होने में
कितना वक़्त बचा
है।कुछ लोग तोसत्संग
सुनकर प्रसाद लेकर
बाहर आकर सीधे
बेटी बहु की
गिला ही करते
बैठते हैं जैसे
वो इसी ताक
में बैठे हों
कि कब सत्संग
पूरा हो कब
गिला करेंक्या मिलता
उनको गिला सेशायद
कुछ भी नहींबस
गिला करने से
मन का कुछ
बोझ हल्का होता
है।
जब सत्संग सुनते ही
नहीं ध्यान देते ही
नहीं तो क्यों अपना समय
waste कर रहे हो।और
ख़ास बात
जो सिर्फ नाम दान
लेकर शांत बैठ
गए हैं। सिमरन
करते ही नहीं।
उन्हें सिमरन का वक़्त
ही नहीं मिलता।
कुछ समय गुरु
के लिए नहीं
निकाल सकते क्योंकि आपने
गुरु से वादा
किया है नाम
लेते वक़्त कि
आप 2 से ढाई
घंटे सिमरन करोगे
अगर नहीं कर सकते
तो गुरु का
नाम क्यों waste कर
रहे हो।
कई लोग कहते
हैं इतना वक़्त बैठ
नहीं सकते पीठ दर्द
होता है जब movie जाते
होतीन तीन घंटे
एक टक बैठकर
movie देखते हो जरा भी नहीं
हिलते एक एक shot एक एक
scene आँखें फाड़ फाड़
कर देखते हो
तब पीठ दर्द
नहीं होता ? ये
सिर्फ इंसान का
वहम है सुस्ती है।
जो गुरु की
बात नहीं मानता
उसे नाम लेने
का कोई भी
हक़ नहीं। गुरु बार
बार समझाते हैं
कि आप सिर्फ
सिमरन करो आपकी
हर तकलीफ हर
परेशानी हर दुःख
कम हो जायेंगें।
zero हो जायेंगें पर सिमरन करे
कौन ?
आप दुःख तकलीफ
बीमारी से परेशांन
भी हो आपके सामने
हल भी है पर
आप करते नहीं तो
नाम दान लेने
का कोई मतलब
ही नहीं है। शायद
आपको पता हो कि सत्संग
आपको गुरु से
मिलने के तरीके
और उपाय बताता
है। गुरु के
अमोलिक वचन बताता
है। आपको recharge करता है
और नाम सिमरन आपको गुरु से
मिलवाता है
84 जन्मों से मुक्ति
दिलवाता है अगर
आप करें तो। यही
सत्य है।
आज भी कई
सत्संगी मौजूद हैं जो
नित नेम सत्संग
जाते हैं। वक़्त
अनुसार सिमरन करते हैं उन्हें
कोई दुःख तकलीफ
परेशानी बीमारी नहीं वो हमेशा
गुरु की लय
में मस्त रहते
हैं। Face पर शिंकंज
तक नहीं। इसलिए
जब भी आप
सत्संग जाएँ ध्यान से सुनें।
गिला न करें अपने
पाप न बढ़ाएं सत्संग
के शब्दों पर
अमल करें। और अगर
आप नाम दान
लेते हो तो
गुरु को promise किये
अनुसार नित नेम
सिमरन जरूर करें।
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